Thursday 3 August 2017

चन्द्र ग्रहण

चंद्रग्रहण 
दूसरा चन्द्र ग्रहण: 7 अगस्त (सोमवार) , 2017 
 *ग्रहण कहा दिखेगा
 *ग्रहण का समय
 *सूर्य ग्रहण की महत्‍वपूर्ण जानकारी
 *चंद्र ग्रहण की महत्‍वपूर्ण जानकारी
 *चंद्र ग्रहण का मंत्र
 *चंद्र ग्रहण का यंत्र
 *चंद्र ग्रहण का तंत्र
 *चंद्र ग्रहण का राशिफल
 *चंद्र ग्रहण मे गर्भवती महिलाओं की सावधानी
वर्ष 2017 में कुल चार ग्रहण लग रहे है : दो सूर्य ग्रहण और 2 चन्द्र ग्रहण
" १ सूर्य ग्रहण और १चन्द्र ग्रहण हो गये "
दूसरा चन्द्र ग्रहण: 7 अगस्त (सोमवार) , 2017
दूसरा सूर्य ग्रहण: 21-22 अगस्त (सोमवार) , 2017
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श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात्रि को खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण होगा, जिसे पूरे भारतवर्ष में देखा जा सकेगा. भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण पाकिस्तान , अफगानिस्तान , ईरान, ईराक , सऊदी अरब, इथोपिया , केन्या, तंज़ानिया , दक्षिण अफ्रीका, रूस, चीन, मंगोलिया, मयन्मार, ऑस्ट्रेलिया , जापान, थाईलैंड, सिंगापुर आदि से भी इस अल्प्ग्रास चन्द्र ग्रहण को कुछ समय के लिए देखा जा सकेगा.
⚡ग्रहण के दिन कारने के मंत्र - यंत्र - तंत्र अद्भुत प्रयोग⚡
मेरे गुरूदेव, ज्योतिष विशारद, माँ भगवती के उपासक,  सावत्थीतीर्थ सर्जक तपागच्छाचार्य आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी म सा  के सूक्ष्म अवलोकन, अध्ययन, मनन. चिंतन के बाद की संक्षिप्त जानकारी भद्रबाहुसहिंता, भृगु संहिता, आदी ग्रंथ के अभ्यास करके गुरुदेव से प्राप्त आज्ञा से प्रस्तुत करता हू.
दूसरा चन्द्र ग्रहण: 7 अगस्त (सोमवार) , 2017
मुनी अजितचन्द्र विजय Whatsapp +919824010332
               ⏳ग्रहण का समय:⏳
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⏰ *इस ग्रहण की अवधि 5 घंटे एक मिनट होगी
⏰ *आंशिक ग्रहण की अवधि 1 घंटे, 55 मिनट है।
ग्रहण का समय
⏰ *खंडच्छायायुक्त ग्रहण शुरू: 7 अगस्त, 21:20:01 pm IST
⏰ *आंशिक ग्रहण : 7 अगस्त, 22:52:56 pm IST
⏰ *अधिकतम ग्रहण: 7 अगस्त, 23:50:29 pm IST
⏰ *आंशिक ग्रहण समाप्त: 8 अगस्त, 00:48:09 am IST
⏰ *खंडच्छायायुक्त ग्रहण समाप्त: 8 अगस्त, 02:20:56 am IST
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सूर्य और चंद्र ग्रहण से जुड़ी महत्‍वपूर्ण जानकारी और तथ्‍य सावत्थी तीर्थ सर्जक आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
सूर्य और चंद्र ग्रहण का बहुत महत्व है. शास्त्रों में भी ग्रहण से जुड़ी कई बातें कहीं गई है. 
सूर्य ग्रहण:
मंत्र वेत्ता आचार्य. श्री. *जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी* कहते हे
(1) जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की चमकती सतह चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती है.
(2) चंद्रमा की वजह से जब सूर्य ढकने लगता है तो इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं.
(3) जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं.
(4) जब सूर्य कुछ देर के लिए पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं.
(5) पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को ही होता है. मुनी अजितचन्द्र विजय Whatsapp +919824010332
चंद्र ग्रहण:
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माँ भगवती के उपासक आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
(1) जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है. इसे चंद्रग्रहण कहते हैं.
(2) जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं तो चंद्रग्रहण की स्थिति होती है.
(3) चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात में ही होता है.
(4) एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के उपछाया से चंद्रमा गुजरता है, तभी चंद्रग्रहण लगता है.
(5) सूर्यग्रहण की तरह ही चंद्रग्रहण भी आंशिक और पूर्ण हो सकता है.
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⚡ग्रहण के दिन कारने के मंत्र - यंत्र - तंत्र अद्भुत प्रयोग⚡
❣ग्रहण के समय में सात्विक बहोत सारे यंत्र मंत्र ओर तंत्र के प्रयोग तत्काल सिद्ध होते हे मंत्र वेत्ता आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे ये स्वानुभव सिद्ध प्रयोग हे ❣
 :  *विद्या वृद्धि मंत्र* :~ 
 " *ॐ नमो ॐ ह्रीँ श्रीँ क्लीँ वद वद वाग्वादिनी बुद्धिवर्धय ॐ ह्रीँ नम: स्वाहाः* "
 विधी:- ग्रहण के समय 12500 जाप करने से मंत्र सिद्ध होता है
*त्रीभूवन स्वामिनी मंत्र* 
: वांच्छीतार्थ फल सिद्धि कारक मंत्र :
 "*ॐ ह्रीँ  अर्हत् उत्पत उत्पत स्वाहा:*"
ग्रहण के दिन मंत्र सिद्धा करके रोज १ माला गिनने से कार्य सिद्धा होते है
☄*बाबा विशा यंत्र:*~☄
विसा यंत्र साधक आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
अत्यंत चमत्कारी बाबा विशा यंत्र
ग्रहण के समय पर यंत्र बनाकर सिद्धा करना
*"जहाँ वसे बाबा विशा
वहाँ क्या करे जगदीशा"*
⭐ ~: *तंत्र प्रयोग* :~ ⭐
तंत्राचार्य आचार्य. श्री. *जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी* कहते हे
ग्रहण समय हल्दी का गठिया मुँह मै रख का मौन रहेकर आपने ईस्ट मंत्र का जाप करनेका  ग्रहण स्पर्श से ग्रहण मोक्ष तक
उसके बाद छाओ ( बिना सूर्य किरण कि जगा)  मै सुखा ने रख कर कभी कोई महत्व का काम हो तो उस हल्दी को गिस के तिलक करके जाने से कार्य सफलता मिलती है..
*ग्रहण के दौरान ध्यान देने योग्य बातें*  
☀सूतक में भोजन ना करे | दूध , फल, जूस या सात्विक भोजन  ले सकते है |
☀सूतक में भोजन ना बनाये | विशेषतौर से गर्भवती महिलाएं चाकू छुरी से कुछ भी ना काटे |
☀सूतक में सिलाई कढ़ाई का कार्य ना करे | विशेषकर से गर्भवती महिलाएं |
☀सूर्य ग्रहण को ना देखे | विशेषकर नंगी आंखों से तो कतई नहीं .
☀मंदिर बंद रखे भगवान की मूर्ति को स्पर्श ना करे |
☀व्यसन से दूर रहे |
☀अपराध बुरे काम, बुरे विचार और झूठ से दूर रहे | क्योंकि इस समय किये गए बुरे कार्य का प्रभाव कई गुना  बढ़ जाता है |
☀ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन करे इससे आपको लाभ और लंबे रोग से छुटकारा मिलेगा |
☀यदि चंदमा निर्बल है तो “ॐ चन्द्राय: नमः” मन्त्र का जप करे |
☀यदि आपका सूर्य निर्बल है तो  इस दौरान मंत्र“ॐ सूर्याय: नमः” का जप करे |
☀ग्रहण के समय यदि आपकी कुंडली में सूर्य या चंद्र दोष है तो यह समय ग्रहण संबंधी उपचार के लिए उपयुक्त है |
☀यदि आप किसी तीर्थ स्थल पर है तो वह स्नान कर जप और दान करे |
☀धार्मिक पुस्तक पढ़े |
☀सोच को सकारात्मक रखे |
☀विशेषतोर पर गर्भवती महिलाये क्योंकि उसका सीधा प्रभाव आपके होने वाले बच्चे पर पड़ता है |
☀अच्छे विचार और भाव मन में लाये |
☀अपने सामान्य दैनिक कार्य करें |
☀स्नान कर भगवान  का मनन करे . जो भी आपके आराध्य देव है उनका धयान करे |
अंत में एक बार फिर से  गर्वभती महिलाये , बच्चे , बुज़ुर्ग और बीमार व्यक्तियों के लिए भोजन लेना , शौचालय जाना , दवाई लेने पर कोई पाबन्दी नहीं है |
तपागच्छाचार्य, ज्योतिष विशारद आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी महाराज साहेब द्वारा संभावित दसरे चन्द्र ग्रहण: 7 अगस्त (सोमवार) , 2017 का राशिफल 
0⃣7⃣0⃣8⃣2⃣0⃣1⃣7⃣
*卐0⃣ 1⃣ मेष :~ अ, ल, इ* : पिता को कष्ट , आय में बाधा .
*卐0⃣ 2⃣ वृषभ :~ ब, व, उ* :   कार्यों में गतिरोध , हानि  .
*卐0⃣ 3⃣  मिथुन :~  क, छ, घ* :  रोग इत्यादि में वृद्धि , शारीरिक कष्ट , स्थान परिवर्तन
*卐0⃣4⃣ 呂कर्क :~ ड, ह* :   जीवन साथी से मतभेद , व्यापार में हानि , लड़ाई – झगडे की संभवना
*卐0⃣5⃣ 女सिंह :~ म, ट*  शत्रुओं से हानि , कर्ज की स्थिति म सर्जरी का योग
*卐0⃣6⃣ कन्या :~ प, ठ, ण*  संतान को कष्ट , शिक्षा बाधा , गलत निर्णय
*卐0⃣7⃣ ⚖तुला :~ र, त* :  माता को कष्ट , संपत्ति की हानि , वाहन दुर्घटना योग
*卐0⃣8⃣ 廬वृश्चिक :~ न, य* :  करीबियों से दिखा , बहनों और मित्रों को कष्ट , व्यर्थ का विवाद
*卐0⃣9⃣ धनु :~ भ, ध,फ* : धन हानि , क्रोध की अधिकता , गलत निर्णय , पारिवारिक तनाव
*卐1⃣0⃣ मकर :~ ख, ज* :  चोट – चपेट की संभावना , डिप्रेशन , अशांति और निर्बलता
*卐1⃣1⃣ ⚱कुंभ :~ ग, स, श, ष* : सुदूर यात्रा , अधिक खर्च , परिवार से दुरी
*卐1⃣2⃣ मीन :~ द, च* :  आय में बाधा , संतान को कष्ट , शिक्षा में समस्या , आलस्य और प्रमाद का अधिक प्रभाव
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擄*चंद्र ग्रहण मे गर्भवती महिलाओं की सावधानी*擄
1⃣ ग्रहण चाहे सूर्य हो या चंद्र ग्रहण, दोनों ही अपने बुरे प्रभाव के लिए जाने जाते हैं। ना केवल शास्त्रीय दृष्टि सेम वरन् साइंस ने भी ग्रहण की वजह से होने वाले बुरे प्रभावों को माना है। ग्रहण के दौरान कुछ सावधनियां बरतनी जरूरी हैं यह वैज्ञानिकों ने भी माना है, क्यूंकि ग्रहण के दौरान निकलने वाली तरंगे हमें हानि पहुंचा सकती हैं।
2⃣. गर्भवती महिलाओं पर होता है असर खासतौर से गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण अन्य लोगों की तुलना में अधिक नुकसानदेह होता है। इसलिए उन्हें कुछ खास नियमों का पालन करना पड़ता है। दरअसल ग्रहण के दौरान ना गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर होने का डर होता है।  
3⃣.ऐसे होता है असर उदाहरण के तौर पर यदि सूर्य ग्रहण लगा है, और इस दौरान गर्भवती महिला सूरज की रोशनी में आ जाए तो सूर्य की किरणे गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर करती हैं। सूर्य की किरणों में उस समय कुछ ऐसी दूषित तरंगे मौजूद होती हैं, जो अजन्मे शिशु को प्रभावित करती हैं।
4⃣. कुछ निर्देश इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे निर्देश बताने जा रहे हैं, जो ग्रहण के दौरान एक गर्ब्भवती महिला के जरूर काम आएंगे। यदि वह महिला इन निर्देशों का भली-भांति पालन करती है, तो उसके आने वाले बच्चे पर ग्रहण का कोई बुरा असर नहीं होगा।
5⃣. स्नान करें सबसे पहली बात, ग्रहण आरंभ होने से पहले स्नान अवश्य करें। ग्रहण स्माप्त होने पर भी स्नान करना चाहिए। क्योंकि ग्रहण की तरंगों के कारण वातावरण दूषित हो जाता है, इसलिए यह जरूरी है कि गर्भवती महिला ग्रहण खत्म होने पर स्नान करके वापस शुद्ध हो जाए।  
6⃣. भोजन ना करें ग्रहण के दौरान वातावरण में जिन तरंगों का प्रवाह होता है, वे ना केवक जीवित वरन् बीजान वस्तुओं पर भी असर करती हैं। इसलिए ग्रहण से पहले जो खाना पका होता है या यहां तक कि घर में पड़ा पानी भी दूषित हो जाता है।
8⃣. नुकीली वस्तुओं से दूर रहें ग्रहण के दौरान एक गर्भवती महिला को नुकीली या तेज़-तरार वस्तुओं से दूर रहना चाहिए। जैसे कि चाकू, कैंची, सुई, या पेन-पेनसिल भी।
9⃣. सब्जी ना काटें गर्भवती महिलाओं को नुकीली वस्तुओं से ना केवल दूर, साथ ही उनका इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। ग्रहण के दौरान गलती से भी सब्जी ना काटें, और जितना हो सके घर के कार्यों को ना करने का फैसला लें।
1⃣2⃣. बाहर ना निकलें यह ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए जानने योग्य सबसे जरूरी बात है... इस दौरान बाहर निकलने की भूल ना करें। ग्रहण की तरंगे आपके अजन्मे शिशु पर बुरा प्रभाव कर सकती हैं।
शुभम भवतु !
यथा शक्ति  परमार्थ
संयोजक:~ मंत्र वेता आचार्य देव श्रीमद् विजय * जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी * महाराजा साहेब.
आजीवन गुरुचरणसेवी मुनि * अजितचन्द्र विजयजी * म सा
| | : J I N : | |®™*
_जिन शीशू अजित_
देवी स्वप्न द्वारा निर्मित
८४ जिनालय समलंकृत * सावत्थीतीर्थ धाम *
बावला, अहमदाबाद
*मुनी अजितचन्द्र विजय*
*Whatsapp 09824010332*
ईस मेसेज को आप अपने ग्रुप में फोरवर्ड करे अगर आप को ईस प्रकार के मेसेज चाहिये तो अपना नाम ओर आप कहासे हो वो भेजिये ऊपर दर्शाये नंबर पे…

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