*जिसने संसार को बदलने की*
*कोशिश की वो हार गया*
*और*
*जिसने खुद को बदल लिया*
*वो जीत गया* ll
*कोशिश की वो हार गया*
*और*
*जिसने खुद को बदल लिया*
*वो जीत गया* ll
धड़कन मेरी बेचैन रहती है
आजकल
ये तुम्हारे बगैर धड़कती कम और
तड़पती ज्यादा है...
आजकल
ये तुम्हारे बगैर धड़कती कम और
तड़पती ज्यादा है...
*तन*
जितना *घूमता* रहे,
उतना ही *स्वस्थ* रहता है.!
और
*मन*
जितना *स्थिर* रहे,
उतना ही *स्वस्थ* रहता है.!!
जितना *स्थिर* रहे,
उतना ही *स्वस्थ* रहता है.!!
Good morning
*"स्वयं" को पहचानने से अधिक कोई "ज्ञान" नहीं*
*और*
*"क्षमा" करने से बड़ा कोई "दान" नहीं*
*लोग कहते है कि आदमी को अमीर होना चाहिए..*
*और हम कहते है कि आदमी का जमीर होना चाहिए..॥*
*सुप्रभात*
आपका दिन शुभ हो
*और हम कहते है कि आदमी का जमीर होना चाहिए..॥*
*सुप्रभात*
आपका दिन शुभ हो
*हस्तरेखा भी कितनी*
*अजीब है*
*हाथ में हमारे है मगर*
*समझ में दुसरों को आती है* ....✍
*समझ में दुसरों को आती है* ....✍
:- सत्य वचन -:
जिस दिन मरोगे अपने साथ एक
पेड़ भी लेकर जलोगे ।।
प्रकृति का जो कर्ज़ है वो तो चूका दो यारों..
जीते जी दो पेड़ तो लगा दो यारो ।।
पेड़ भी लेकर जलोगे ।।
प्रकृति का जो कर्ज़ है वो तो चूका दो यारों..
जीते जी दो पेड़ तो लगा दो यारो ।।
पहले उपर वाला
किताब लेकर बैठता था
इसीलिये हिसाब
*अगले जन्म मे होता था*
पर अब वो भी
*लैपटाप* लेकर बैठता है
इसीलिए हिसाब
*इसी जन्म मे हो जाता है*
*सभंलकर कर्म करे*
*शख़्सियत अच्छी होगी तभी दुश्मन बनेंगे,*
*वरना बुरे की तरफ़ देखता ही कौन है,*
*पत्थर भी उसी पेड़ पर फेंके जाते है जो फलों से लदा होता है,*
*क्या देखा है किसी को सूखे पेड़ पर पत्थर फेंकते हुए ।।*
*क्या देखा है किसी को सूखे पेड़ पर पत्थर फेंकते हुए ।।*
*परायों को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं,*
*जितना अपनों को अपना बनाए रखना...!!!*
*झूला जितना पीछे जाता है,*
*ठीक उसी के बराबर*
*उतना ही आगे भी आता है*
*इसी तरह सुख और दुख*
*दोनों ही जीवन में बराबर*
*आते और जाते हैं*
*जिन्दगी का झूला अगर*
*पीछे जाए तो डरिए मत,*
*वह आगे भी आएगा।*
*सुप्रभात*
*आप का हर क्षण सरल एवं सुन्दर हो*
*आप का हर क्षण सरल एवं सुन्दर हो*
*पेड़ के नीचे रखी भगवान की टूटी मूर्ति को देख कर समझ आया,*
*कि..*
*परिस्थिति चाहे कैसी भी हो,*
*पर कभी ख़ुद को टूटने नही देना..*
*पर कभी ख़ुद को टूटने नही देना..*
*वर्ना ये दुनिया जब टूटने पर भगवान को घर से निकाल सकती है तो फिर हमारी तो औकात ही क्या है।*
*शुभ प्रभात*
*शुभ प्रभात*
*"आपकी किस्मत आपको मौका देगी मगर.,*
*आपकी मेहनत सबको चौंका देगी.."*
*Suprabhatam*
*जिंदगी कभी किसी की भी*
*आसान नहीं होती..*
*इसे आसान बनाना पड़ता है*
*कुछ नजर अंदाज*
*करके...*
*कुछ बर्दाश्त करके..*
*कुछ मेहनत करके..*
*और*
*कुछ सही समय पर सही*
*फैसले करके..*
*Have a great day*
*₲๑๑d ℳ๑®ทïทg*
*आसान नहीं होती..*
*इसे आसान बनाना पड़ता है*
*कुछ नजर अंदाज*
*करके...*
*कुछ बर्दाश्त करके..*
*कुछ मेहनत करके..*
*और*
*कुछ सही समय पर सही*
*फैसले करके..*
*Have a great day*
*₲๑๑d ℳ๑®ทïทg*
*एक बार पचास लोगों का ग्रुप। किसी मीटिंग में हिस्सा ले रहा था।*
*मीटिंग शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे कि स्पीकर अचानक ही रुका और सभी पार्टिसिपेंट्स को गुब्बारे देते हुए बोला , ”*
*#आप सभी को गुब्बारे पर इस मार्कर से अपना नाम लिखना है। ” सभी ने ऐसा ही किया।*
*मीटिंग शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे कि स्पीकर अचानक ही रुका और सभी पार्टिसिपेंट्स को गुब्बारे देते हुए बोला , ”*
*#आप सभी को गुब्बारे पर इस मार्कर से अपना नाम लिखना है। ” सभी ने ऐसा ही किया।*
*अब गुब्बारों को एक दुसरे कमरे में रख दिया गया।*
*स्पीकर ने अब सभी को एक साथ कमरे में जाकर पांच मिनट के अंदर अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने के लिए कहा।*
*सारे पार्टिसिपेंट्स तेजी से रूम में घुसे और पागलों की तरह अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने लगे।*
*पर इस अफरा-तफरी में किसी को भी अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिल पा रहा था…*
* 5 पांच मिनट बाद सभी को बाहर बुला लिया गया।*
*स्पीकर बोला , ” अरे! क्या हुआ , आप सभी खाली हाथ क्यों हैं ? क्या किसी को अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिला ?” ”*
*नहीं ! हमने बहुत ढूंढा पर हमेशा किसी और के नाम का ही गुब्बारा हाथ आया…”, एक पार्टिसिपेंट कुछ मायूस होते हुए बोला।*
*“कोई बात नहीं , आप लोग एक बार फिर कमरे में जाइये , पर इस बार जिसे जो भी गुब्बारा मिले उसे अपने हाथ में ले और उस व्यक्ति को दे दे जिसका नाम उसपर लिखा हुआ है । “, स्पीकर ने निर्दश दिया।*
*एक बार फिर सभी पार्टिसिपेंट्स कमरे में गए, पर इस बार सब शांत थे , और कमरे में किसी तरह की अफरा- तफरी नहीं मची हुई थी। सभी ने एक दुसरे को उनके नाम के गुब्बारे दिए और तीन मिनट में ही बाहर निकले आये।*
*स्पीकर ने गम्भीर होते हुए कहा ,*
*☝☝” बिलकुल यही चीज हमारे जीवन में भी हो रही है।*
*हर कोई अपने लिए ही जी रहा है , उसे इससे कोई मतलब नहीं कि वह किस तरह औरों की मदद कर सकता है , वह तो बस पागलों की तरह अपनी ही खुशियां ढूंढ रहा है , पर बहुत ढूंढने के बाद भी उसे कुछ नहीं मिलता ,*
*हर कोई अपने लिए ही जी रहा है , उसे इससे कोई मतलब नहीं कि वह किस तरह औरों की मदद कर सकता है , वह तो बस पागलों की तरह अपनी ही खुशियां ढूंढ रहा है , पर बहुत ढूंढने के बाद भी उसे कुछ नहीं मिलता ,*
* हमारी ख़ुशी दूसरों की ख़ुशी में छिपी हुई है।*
* जब हम औरों को उनकी खुशियां देना सीख जायेंगे*
*तो अपने आप ही हमें हमारी खुशियां मिल जाएँगी।*
*तो अपने आप ही हमें हमारी खुशियां मिल जाएँगी।*
✌
*और यही मानव- जीवन का उद्देश्य भी है.....*
[19/05 6:45 pm] +91 95000 53003:
*पानी को कितना भी गर्म कर लें पर वह थोड़ी देर बाद अपने मूल स्वभाव में आकर शीतल हो जाता हैं।*
[19/05 6:45 pm] +91 95000 53003:
*पानी को कितना भी गर्म कर लें पर वह थोड़ी देर बाद अपने मूल स्वभाव में आकर शीतल हो जाता हैं।*
*इसी प्रकार हम कितने भी क्रोध में, भय में, अशांति में रह लें, थोड़ी देर बाद-बोध में, निर्भयता में और प्रसन्नता में हमें आना ही होगा क्योंकि यही हमारा मूल स्वभाव है*
*कुछ बोलने और तोड़ने में*
*केवल एक पल लगता है*
*जबकि बनाने और मनाने में*
*पूरा जीवन लग जाता है।*
*प्रेम सदा*
*माफ़ी माँगना पसंद करता है,*
*और अहंकार सदा*
*माफ़ी सुनना पसंद करता है..?*
*केवल एक पल लगता है*
*जबकि बनाने और मनाने में*
*पूरा जीवन लग जाता है।*
*प्रेम सदा*
*माफ़ी माँगना पसंद करता है,*
*और अहंकार सदा*
*माफ़ी सुनना पसंद करता है..?*
पत्नी बार बार मां पर इल्जाम लगाए जा रही थी......
और
पति बार बार उसको अपनी हद में
रहने की कह रहा था
लेकिन पत्नी चुप होने का नाम ही नही ले रही थी
व् जोर जोर से चीख चीखकर कह रही थी कि
"उसने अंगूठी टेबल पर ही रखी थी
और तुम्हारेऔर मेरे अलावा इस कमरें मे कोई नही आया
अंगूठी हो ना हो मां जी ने ही उठाई है।
।बात जब पति की बर्दाश्त के बाहर हो गई तो
उसने पत्नी के गाल पर एक जोरदार तमाचा देमारा अभी
तीन महीने पहले ही तो शादी हुई थी ।
पत्नी से तमाचा सहन नही हुआ वह घर छोड़कर जाने लगी
और जाते जाते पति से एक सवाल पूछा
कि तुमको अपनी मां पर इतना विश्वास क्यूं है..??
तब पति ने जो जवाब दिया
उस जवाब को सुनकर
दरवाजे के पीछे खड़ी मां ने सुना
तो
उसका मन भर आया
उसका मन भर आया
पति ने पत्नी को बताया कि
"जब वह छोटा था तब उसके पिताजी गुजर गए
.
मां मोहल्ले के घरों मे झाडू पोछा लगाकर जो कमा पाती थी
मां मोहल्ले के घरों मे झाडू पोछा लगाकर जो कमा पाती थी
उससे एक वक्त का खाना आता था
मां एक थाली में मुझे परोसा देती थी
और
खाली डिब्बे को ढककर रख देती थी
और
कहती थी
मेरी रोटियां इस डिब्बे में है बेटा तू खा ले
मैं भी हमेशा आधी रोटी खाकर कह देता था
कि मां मेरा पेट भर गया है मुझे और नही खाना है
मां ने मुझे मेरी झूठी आधी रोटी खाकर मुझे पाला पोसा और बड़ा किया है
आज मैं दो रोटी कमाने लायक हो हूं
लेकिन यह कैसे भूल सकता हूं कि मां ने उम्र के उस पड़ाव पर अपनी इच्छाओं को मारा है,
.
.
..
.
..
वह मां आज उम्र के इस पड़ाव पर किसी अंगूठी की भूखी होगी ...
.यह मैं सोच भी नही सकता
तुम तो तीन महीने से मेरे साथ हो
मैंने तो मां की तपस्या को पिछले पच्चीस वर्षों से देखा है..
.यह सुनकर मां की आंखों से आंसू छलक उठे
वह समझ नही पा रही थी कि बेटा उसकी आधी रोटी का कर्ज चुका रहा है या वह बेटे
की आधी रोटी का कर्ज...
की आधी रोटी का कर्ज...
इस मैसज को शेयर करने के लिए कोई कसम नही है।।।
यदि अच्छा लगा हो ।।।।तभी शेयर करना ।
*मेहनत लगती है*
*सपनो को सच बनाने में,*
*हौसला लगता है*
*बुलन्दियों को पाने में,*
*बरसो लगते है जिन्दगी बनाने में,*
*और जिन्दगी फिर भी कम पडती है*
*रिश्ते निभाने में*।
*समय समय की बात है*,
*दो फूल कहते है हम साथ साथ है*।
*लेकिन डाली से टूटने के बाद*,
*एक की किस्मत मे मंदिर का प्रसाद है,*
*और दूसरे की किस्मत में श्मसान की लाश है*।
*किसी ने ठीक ही कहा है की किस्मत महलो मे राज करती है और हुनर सड़को पे करतब दिखाता है।*
*हुनर तो सब में होता है लेकिन किसी का छिप जाता है और किसी का छप जाता है*..
*शुभ प्रभात*
*आपका दिन शुभ हो*
GoodMorning
*कर्मों की आवाज़*
*शब्दों से भी ऊँची होती है I*
यह आवश्यक नहीं कि
हर लड़ाई जीती ही जाए I
*शब्दों से भी ऊँची होती है I*
यह आवश्यक नहीं कि
हर लड़ाई जीती ही जाए I
*आवश्यक तो यह है कि*
*हर हार से कुछ सीखा जाए II*
*तब तक कमाओ... जब तक*
"महंगी" चीज "सस्ती" ना लगने लगे..
*चाहे वो सामान हो या सम्मान....*
*हर हार से कुछ सीखा जाए II*
*तब तक कमाओ... जब तक*
"महंगी" चीज "सस्ती" ना लगने लगे..
*चाहे वो सामान हो या सम्मान....*
*☘good morning☘*
*बहुत शौक था मुझे सबको जोडकर रखने का,*
*होश तब आया जब खुद के वजूद के टुकडे हो गये।*
*माना दुनियाँ बुरी है*
*सब जगह धोखा है,*
*लेकिन हम तो अच्छे बने*
*हमें किसने रोका है..*
*हमें किसने रोका है..*
*जय जय श्री राधे*
*श्याम चंदा है श्यामा चकोरी*
*बड़ी सुंदर है दोनों की जोड़ी।*
*बड़ी सुंदर है दोनों की जोड़ी।*
*श्याम रसिया है श्यामा रसीली*
*कृष्ण छलिया है राधा शर्मीली*
*कृष्ण काला है राधा है गोरी ।।*
*कृष्ण छलिया है राधा शर्मीली*
*कृष्ण काला है राधा है गोरी ।।*
*गिरिधर गोपाल गोकुल का राजा*
*ब्रज की सरकार रानी है राधा*
*कृष्ण करता है मन की चोरा चोरी ।।*
*ब्रज की सरकार रानी है राधा*
*कृष्ण करता है मन की चोरा चोरी ।।*
*दोनों में प्रेम इतना है ज्यादा*
*राधा मोहन है मोहन है राधा*
*कृष्ण मन का मधुर राधा गोरी ।।*
*राधा मोहन है मोहन है राधा*
*कृष्ण मन का मधुर राधा गोरी ।।*
*जै श्री राधे कृष्ण*
धर धीर सखी हिय प्रेम बढ़ा,
प्रिय प्रेम की रीत निभावेंगे।
होय कृपा जो भानुलली की ,
वो आपहीं तोय बुलावेंगे
*सदा जपीये*
*हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे I*
*हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे II*
☺*खुश रहीये*☺
प्रेम से कहिये श्री राधे
राधे
अतर्मन में श़्याम बसे: धड़कन में राधारानी हो ! निज साँसो की उथलपुथल में : मुरली की धुन सुहानी हो..........
राधे
अतर्मन में श़्याम बसे: धड़कन में राधारानी हो ! निज साँसो की उथलपुथल में : मुरली की धुन सुहानी हो..........
‼ *प्रभातपुष्प* ‼
*अगर किसी परिस्थिति के लिए आपके पास सही शब्द नहीं है तो सिर्फ मुस्कुरा दीजिये,*
*शब्द उलझा सकते है पर मुस्कुराहट हमेशा काम कर जाती है ।*
*क्योंकि कर्ण ने महाभारत में कहा था कि* *दोस्त दुर्योद्धन मुझे मृत्यु से डर नहीं लगता पर*
*भगवान श्रीकृष्ण की निश्चल मुस्कान मेरे सम्पूर्ण अस्तित्व को अंदर से हिला देती हैं।*
*मुस्कुराते रहिये*
*शब्द उलझा सकते है पर मुस्कुराहट हमेशा काम कर जाती है ।*
*क्योंकि कर्ण ने महाभारत में कहा था कि* *दोस्त दुर्योद्धन मुझे मृत्यु से डर नहीं लगता पर*
*भगवान श्रीकृष्ण की निश्चल मुस्कान मेरे सम्पूर्ण अस्तित्व को अंदर से हिला देती हैं।*
*मुस्कुराते रहिये*
*शुभ प्रभात *
*"सम्मान" का दरवाज़ा इतना छोटा और तंग होता है कि*...
*उसमें दाखिल होने से पहले सर को झुकाना पड़ता है*..
Subh prabhat
*सांवरे...*
*अगर तेरा सहारा न होता,*
*तो सुन्दर संसार हमारा न होता*
*तुफानो की तबाही में गुम हो जाते,*
*अगर सर पे हाथ तुम्हारा न होता...!!*
*जय श्री श्याम*
*तो सुन्दर संसार हमारा न होता*
*तुफानो की तबाही में गुम हो जाते,*
*अगर सर पे हाथ तुम्हारा न होता...!!*
*जय श्री श्याम*
*मेरे श्याम:::::*
*ना दुनियादारी के झूटी आस से....*
*ना ही धनदौलत के फीके स्वाद से...*
*अगर जीवन❤ मेरा चल रहा है तो बस*
*तेरे सच्चे प्यार और आशिर्वाद से..........*
*कृपा बनाए रखिए मेरे सांवरे..*
*बस एक ही नाम*
*जय श्री श्याम*
*तेरे सच्चे प्यार और आशिर्वाद से..........*
*कृपा बनाए रखिए मेरे सांवरे..*
*बस एक ही नाम*
*जय श्री श्याम*
*आनंद ही आनंद*
*हम अंजाने में आनंद को सुख मान लेते है लेकिन आनंद वह अवस्था है, जहाँ सुख व दुःख दोनों नही रह जाते है। सुख और दुख दोनों चेतना में कम्पन्न करते है। जहाँ सब खत्म हो जाए, न दुःख, न सुख, उस अवस्था का नाम आनंद है। इस संसार में जो भी विधि, आनंद पाने के लिए बताई गई है, वह या तो भक्ति है या ध्यान - योग। जब भी किसी विधि का प्रयोग करेंगे तो वह हमेशा दो रूपों में होगा, समर्पण या संकल्प, जिसको हम भक्ति या योग कह सकते है लेकिन इन दोनों में क्या कहा जाता है इस पर गौर से देखने की बात है १ - समर्पण में यह कहा जाता है, सब कुछ परमात्मा के हाथ में छोड़ दो, जो चाहोगे वह मिल जायेगा, उसके करने से होगा, हमारे करने से नही होगा। अब २ -संकल्प में हम जिम्मेदार है, हम योग साधेगें, ध्यान करेंगे। हमारी ही ऊपर निर्भर है, सब कुछ हमारे हाथ में है। ज्यादा सार्थक हम खुद है, हमें समझना होगा की हमारे पूर्ण प्रयत्न से ही आनंद की अनुभूति होगी। हमें सदैव ध्यान रखना होगा की योग कुछ पाने के लिए नहीं बल्कि बहुत कुछ गवांने के लिए किया जाता है.....*
*सही तरीके से जीने का यही रुल है*
*सुप्रभात*
*सबका मंगल हो*⚡
*पागल तेरे दर का,*
कहलाना अच्छा लगता है,
कहलाना अच्छा लगता है,
*घूम ली दुनिया पर*
एक तू ही सच्चा लगता है,
एक तू ही सच्चा लगता है,
*खाटू के क्या कहने*
हर ओर तेरा ठिकाना लगता है,
हर ओर तेरा ठिकाना लगता है,
*जिसे देखो "श्याम" वो तेरा ही दीवाना लगता है...*
*जय श्री श्याम*
❣*मेरे मोहन,,**,,,,,
*तेरे बिना टूट कर बिखर जायेंगे;*
*तुम मिल गए तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे;*
*तुम ना मिले तो जीते जी ही मर जायेंगे;*
*तुम्हें जो पा लिया तो मर कर भी जी जायेंगे।❤*
*❣जय श्री राधे राधे*❣
*❣जय श्री राधे राधे*❣
*श्री राधे*
*एक बहुत पुरानी कहानी है*
*एक राजा बहुत दिनो से पुत्र की प्राप्ती के लिये आशा लगाये बैठा था, पर पुत्र नही हुआ। उसके सलाहकारों ने तांत्रिकों से सहयोग की बात बताई ।सुझाव मिला कि किसी बच्चे की बलि दे दी जाये तो पुत्र प्राप्ती हो जायेगी।*
*राजा ने राज्य में ये बात फैलाई कि जो अपना बच्चा देगा उसे बहुत सारा धन दिया जायेगे। एक परिवार में कई बच्चें थे, गरीबी भी थी, एक ऐसा बच्चा भी था जो भगवान पर बहुत आस्था रखता था, तथा सन्तों के संग सत्संग में ज्यादा समय बिताता था।*
⛳⛳⛳⛳⛳⛳⛳
*परिवार को लगा कि इसे राजा को दे दिया जाये क्योंकि ये कुछ काम भी नही करता है, हमारे किसी काम का भी नही। इससे राजा प्रसन्न होकर बहुत सारा धन देगा। ऐसा ही किया गया, बच्चा राजा को दे दिया गया।*
*राजा के तांत्रिकों द्वारा बच्चे की बलि की तैयारी हो गई, राजा को भी बुलाया गया, बच्चे से पुछा गया कि तुम्हारी आखरी इच्छा क्या है? क्योंकि अाज तुम्हारा जीवन का अन्तिम दिन है।*
*बच्चे ने कहा कि ठीक है मेरे लिये एक ठेला रेत मंगा दिया जाये, रेत अा गया। बच्चे ने रेत से चार ढ़ेर बनाये, एक-एक करके तीन रेत के ढ़ेर को तोड़ दिया और चौथे के सामने हाथ जोड़कर बैठ गया और कहा कि अब जो करना है करें।*
*ये सब देखकर तांत्रिक डर गया और बोला कि ये तुमने क्या किया है पहले बताओं। राजा ने भी पुछा तो बच्चे ने कहा कि पहली ढ़ेरी मेरे माता पिता की है, मेरी रक्षा करना उनका कर्तव्य था पर उन्होने पैसे के लिये मुझे बेच दिया। इसलिये मैने ये ढ़ेरी तोड़ दी, दुसरा मेरे सगे-सम्बन्धियों का था, उन्होंने भी मेरे माता-पिता को नही समझाया, तीसरा आपका है राजा क्योंकि राज्य के सभी इंसानों की रक्षा करना राजा का ही कर्तव्य होता है, पर राजा ने भी मेरी बलि देना चाहा है तो ये ढ़ेरी भी मैने तोड़ दी। अब सिर्फ मेरे सत्गुरु और भगवान पर मुझे भरोसा है इसलिये ये एक ढ़ेरी मैने छोड़ दी है।*
*राजा ने सोचा कि पता नही बच्चे की बलि से बाद भी पुत्र प्राप्त हो या न हो क्यों ना इस बच्चे को ही अपना पुत्र बना लूँ, इतना समझदार और हरि भक्त बच्चा है। इससे अच्छा बच्चा कहा मिलेगा?*
*राजा ने उस बच्चे को अपना बेटा बना लिया और राजकुमार घोषित कर दिया।*
*कहानी का भाव यह कि जो श्री हरि और सत्गुरु पर यकीन रखते हैं, उनका बाल भी बाँका नही होता है, हर मुश्किल में एक का ही जो आसरा लेते हैं उनका कही से किसी प्रकार का कोई अहित नही होता है।*
*आप सभी ठाकुर प्रेमियों को राधे राधे*
*गुजरी हुई जिंदगी को*
*कभी याद ना कर*
*तकदीर में जो लिखा है*
*उसकी फरियाद ना कर* *जो होगा वो होकर रहेगा*
*तु कल की फिकर में*
*अपनी आज की हंसी बर्बाद ना कर.*
*हंस मरते हुए भी गाता है और*
*मोर नाचते हुए भी रोता है.*
*ये जिंदगी का फंडा है*
*दुखो वाली रात नींद नहीं आती*
*" और " खुशी वाली रात कौन सोता है*
Good Morning
*सुविचार*
इंसान घर बदलता है ,,लिबास बदलता है ,,
रिस्ते बदलता है ,,
दोस्त बदलता है ,,
फिर भी परेशान क्यो रहता है
क्योकी वो खुदको नही बदलता ।।
" मिर्जा गालिब ने कहा है "
उम्र भर गालिब यही भूल करता रहा...!!
धूल चेहरे पर थी ओर आईंना साफ करता रहा..!!
रिस्ते बदलता है ,,
दोस्त बदलता है ,,
फिर भी परेशान क्यो रहता है
क्योकी वो खुदको नही बदलता ।।
" मिर्जा गालिब ने कहा है "
उम्र भर गालिब यही भूल करता रहा...!!
धूल चेहरे पर थी ओर आईंना साफ करता रहा..!!
"Good Morning"
9064565504
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