Thursday 3 August 2017

दरवाज़ा हँस कर ही खोलो

鹿鹿
✍ *घर के अंदर जी भर के रो लो* *पर दरवाज़ा हँस कर ही खोलो....!!*
*क्योंकि लोगों को यदि पता लग गया कि तुम अंदर से टूट चुके हो तो वो तुम्हें लूट लेंगे*
 *इंसान* कभी *गलत* नहीं होता, उसका *वक़्त* गलत होता है मगर लोग इंसान को *गलत* कहेते हे जैसे के..............
*पतंग* कभी नहीं *कटती, कटता* तो *धागा* हे फिर भी लोग कहेते हे *पतंग* कटी"..!
  
       *鹿鹿*
*जय श्रीराधेकृष्ण*

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