*AAJ KI ACHHI BAAT*
दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी।
दरिया -: खुद अपना पानी नहीं पीता।
पेड़ -: खुद अपना फल नहीं खाते।
फूल -: अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते।
मधुमक्खी -: खुद अपना शहद नही खाती!
मालूम है क्यों..??
क्योंकि दूसरों के लिए ही जीना ही असल जिंदगी हैं।
मुझे अपनी जिंदगी में आज एक चीज की तमन्ना है
दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी।
दरिया -: खुद अपना पानी नहीं पीता।
पेड़ -: खुद अपना फल नहीं खाते।
फूल -: अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते।
मधुमक्खी -: खुद अपना शहद नही खाती!
मालूम है क्यों..??
क्योंकि दूसरों के लिए ही जीना ही असल जिंदगी हैं।
मुझे अपनी जिंदगी में आज एक चीज की तमन्ना है
*''मेरे मालिक''*
जिस जिस की आंखें ये पढ रही है
उसका दामन सदा ''खुशियों'' से भरा रखना।
उसका दामन सदा ''खुशियों'' से भरा रखना।
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