Saturday 5 August 2017

जिसने संसार को बदलने की

*जिसने संसार को बदलने की*
*कोशिश की वो हार गया*
*और*
*जिसने खुद को बदल लिया*
*वो जीत गया* ll

धड़कन मेरी बेचैन रहती है
          आजकल
ये तुम्हारे बगैर धड़कती कम और
        तड़पती ज्यादा है...


                 *तन*
          जितना *घूमता* रहे,
     उतना ही *स्वस्थ* रहता है.!
                     और
                    *मन*
           जितना *स्थिर* रहे,
      उतना ही *स्वस्थ* रहता है.!!
    Good morning

 *"स्वयं" को पहचानने से अधिक कोई "ज्ञान" नहीं*
*और*
*"क्षमा" करने से बड़ा कोई "दान" नहीं*
*लोग कहते है कि आदमी को अमीर होना चाहिए..*
*और हम कहते है कि आदमी का जमीर होना चाहिए..॥*
          *सुप्रभात*
   आपका दिन शुभ हो

 *हस्तरेखा भी कितनी*
*अजीब है*
*हाथ में हमारे है मगर*
*समझ में दुसरों को आती है* ....✍

:- सत्य वचन -:
जिस दिन मरोगे अपने साथ एक
पेड़ भी लेकर जलोगे ।।
प्रकृति का जो कर्ज़ है वो तो चूका दो यारों..
जीते जी दो पेड़ तो लगा दो यारो ।।

      पहले उपर वाला
   किताब लेकर बैठता था
        इसीलिये हिसाब
  *अगले जन्म मे होता था*
           पर अब वो भी
   *लैपटाप* लेकर बैठता है
      इसीलिए हिसाब
  *इसी जन्म मे हो जाता है*
    *सभंलकर कर्म करे*

*शख़्सियत अच्छी होगी तभी दुश्मन बनेंगे,*
*वरना बुरे की तरफ़ देखता ही कौन है,*
*पत्थर भी उसी पेड़ पर फेंके जाते है जो फलों से लदा होता है,*
*क्या देखा है किसी को सूखे पेड़ पर पत्थर फेंकते हुए ।।*

*परायों को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं,*
*जितना अपनों को अपना बनाए रखना...!!!*

                      
       *झूला जितना पीछे जाता है,*
            *ठीक उसी के बराबर*
            *उतना ही आगे भी आता है*
       *इसी तरह सुख और दुख*
            *दोनों ही जीवन में बराबर*
            *आते और जाते हैं*
       *जिन्दगी का झूला अगर*
            *पीछे जाए तो डरिए मत,*
            *वह आगे भी आएगा।*
              *सुप्रभात*  
*आप का हर क्षण सरल एवं सुन्दर हो*
          

 *पेड़ के नीचे रखी भगवान की टूटी मूर्ति को देख कर समझ आया,*
*कि..*
*परिस्थिति चाहे कैसी भी हो,*
*पर कभी ख़ुद को टूटने नही देना..*
*वर्ना ये दुनिया जब टूटने पर भगवान को घर से निकाल सकती है तो फिर हमारी तो औकात ही क्या है।*
          *शुभ प्रभात*

 *"आपकी किस्मत आपको मौका देगी मगर.,*
*आपकी मेहनत सबको चौंका देगी.."*

फ्रेंडशिप डे स्पेशल मैसेज

ऐ बारिश जरा थम के बरस...
जब मेरा यार आए तो जम के बरस।
पहले न बरस कि वो आ न सके...
फिर इतना बरस कि वो जा न सके।
कोई इतना चाहे तो बताना..,
कोई इतने नाज तुम्‍हारे उठाए तो बताना।
दोस्‍ती तो हर कोई कर लेगा तुमसे..,
कोई हमारी तरह निभाए तो बताना।

हर कदम पर इम्तहान लेती है जिंदगी
हर वक्‍त नया सदमा देती है जिंदगी
हम जिंदगी से शिकवा कैसे करें...
आखिर आप जैसे दोस्‍त भी तो देती है जिंदगी।

तुफान में कश्‍तियों को किनारे भी मिल जाते हैं
जहान में लोगों को सहारे भी मिल जाते हैं
दुनिया में सबसे प्‍यारी है जिंदगी
कुछ आप जैसे दोस्‍त जिंदगी से भी प्‍यारे मिल जाते हैं।

कुछ सालों बाद न जाने क्‍या समां होगा
न जाने कौन दोस्‍त कहां होगा
फिर मिलना हुआ तो मिलेगें यादों में
जैसे सूखे गुलाब मिलते हैं किताबों में।

जैसे पानी के बिना जी नहीं सकते
वैसे ही स्‍कुटर के बिना कहीं जा नहीं सकते।
हाल ये हो गया है यारो
जैसे क्रिकेट में याकर के बिना विकेट ले नहीं सकते
वैसे ही लाईफ में दोस्‍तों के बिना जी नहीं सकते

दोस्‍ती तो सिर्फ इत्तफाक है
ये तो दिलों की मुलाकात है
दोस्‍ती नहीं देखती दिन है या रात है
इसमें तो डेरीमिल्‍क की मिठास..
और पानीपूरी सी तीखा'स है।

दोस्‍तों से कभी खफा नहीं होते
यूं ही किसी पर फिदा नहीं होते
गर्लफ्रेण्‍ड से ज्‍यादा खयाल रखना पड़ता है दोस्‍तों का
क्‍योकि दोस्‍त कभी बेवफा नहीं होते।

हम वो नहीं जो तुम्‍हें गम में छोड़ देंगे
हम वो नहीं जो तुझसे नाता तोड़ देंगे
हम तो वो हैं
अगर तेरी सांसें बंद हो जाए
तो अपनी सांसें जोड़ देंगे।

दोस्‍त नया हो तो प्‍यारा होता है...
दोस्‍त सच्‍चा हो तो ज्‍यादा प्‍यारा होता है...
और अगर दोस्‍त तुम हो तो वह सबसे प्‍यारा होता है।


Thursday 3 August 2017

बाहर बारिश हो रही थी

बाहर बारिश हो रही थी, और
अन्दर क्लास चल रही थी..
.
तभी टीचर ने बच्चों से पूछा कि
अगर तुम सभी को
100-100 रुपये दिए जाए
तो तुम सब क्या क्या खरीदोगे??
किसी ने कहा कि
मैं वीडियो गेम खरीदुंगा..
किसी ने कहा
मैं क्रिकेट का बेट खरीदुंगा..
किसी ने कहा कि
मैं अपने लिए प्यारी सी गुड़िया खरीदुंगी..
तो, किसी ने कहा
मैं बहुत सी चॉकलेट्स खरीदुंगी..
.
एक बच्चा कुछ सोचने में डुबा हुआ था
टीचर ने उससे पुछा कि "तुम क्या सोच रहे हो, तुम क्या खरीदोगे??"
.
बच्चा बोला कि, टीचर जी
मेरी माँ को थोड़ा कम दिखाई देता है
तो मैं अपनी माँ के लिए एक चश्मा खरीदूंगा.!
.
टीचर ने पूछाः तुम्हारी माँ के लिए
चश्मा तो तुम्हारे पापा भी खरीद सकते है,
तुम्हें अपने लिए कुछ नहीं खरीदना??
.
बच्चे ने जो जवाब दिया उससे
टीचर का भी गला भर आया... frown emoticon:(
.
बच्चे ने कहा कि
मेरे पापा अब इस दुनिया में नहीं है
मेरी माँ लोगों के कपड़े सिलकर
मुझे पढ़ाती है, और कम दिखाई देने की
वजह से वो ठीक से कपड़े नहीं सिल पाती है..
इसीलिए मैं मेरी माँ को चश्मा देना
चाहता हुँ, ताकि मैं अच्छे से पढ़ सकूँ
बड़ा आदमी बन सकूँ, और
माँ को सारे सुख दे सकूँ.!
.
टीचर:- बेटा तेरी सोच ही तेरी कमाई है।
ये 100 रूपये मेरे वादे के अनुसार
और, ये 100 रूपये और उधार दे रहा हूँ।
जब कभी कमाओ तो लौटा देना।
और, मेरी इच्छा है, तू इतना बड़ा
आदमी बने कि तेरे सर पे हाथ फेरते वक्त मैं धन्य हो जाऊं.!
.
15 वर्ष बाद..........
.
बाहर बारिश हो रही है, और
अंदर क्लास चल रही है।
.
अचानक स्कूल के आगे जिला कलेक्टर की बत्ती वाली गाड़ी आकर रूकती है।
.
स्कूल स्टाफ चौकन्ना हो जाता हैं।
स्कूल में सन्नाटा छा जाता हैं.!
.
मगर ये क्या ?
जिला कलेक्टर एक वृद्ध टीचर के पैरों में गिर जाते हैं, और कहते हैं:-
"सर मैं दामोदर दास उर्फ़ झंडू, आपके उधार के 100 रूपये लौटाने आया हूँ"
.
पूरा स्कूल स्टॉफ स्तब्ध.!!!
.
वृद्ध टीचर झुके हुए नौजवान कलेक्टर को उठाकर भुजाओं में कस लेता है, और रो पड़ता हैं.! frown emoticon:(
:
:
"दोस्तों..
मशहूर हो, मगरूर मत बनना
साधारण हो, कमज़ोर मत बनना
वक़्त बदलते देर नहीं लगती..

Anmol Vachan

*कश्तिया उन्ही की डूबती है ..*
*जिनके ईमान डगमगाते हैं !!*
*जिनके दिल में नेकी होती है ..*
*उनके आगे मंजिले भी सर झुकाती है !!*
*इंसान अपना वो चेहरा तो*
     *खूब सजाता है जिस पर*
     *लोगों की नज़र होती है*
    *मगर आत्मा को सजाने की*
    *कोशिश कोई नही करता*
*जिस पर परमात्मा की नजर होती है।*
   *सुप्रभात* 

जैन धर्म की गणित

जैन धर्म की  गणित
एक बार जरूर पढ़िए ।
1- आत्मा 1 होती है
2 - जीव -2
3 - योग
4 - गतियां
5 - पाप
6 - द्रव्य
7 - तत्त्व
8 - कर्म
9 - पदार्थ
10 - धर्म
11 - प्रतिमा
12 - भावना
13 - चारित्र
14 - गुणस्थान
15 - प्रमाद
16 - कषाय
17 - मरण
18 - दोष
19 - जीव समास
20 - प्ररूपना
21 - ओदायिकभाव
22 - परिषह
23 - वर्गना
24 - तीर्थकर
25 - क्रियाए
26 - प्रथव्या
27 - पंचेंद्रियोंके विषय
28 - साधू के मूलगुण
29 - मनुष्योंकी संख्या 29 अंक प्रमाण
30 - ण मोकारमंत्र में 30 व्यंजन होते है
31 - प्रथम पटल में 31 पटल है
32 - अन्तराय
33 - सर्वार्थसिद्धि में 33सागर आयु
34 - अतिशय
35 - णमोकारमंत्र में 35 अक्षरहोते है
36 - आचार्योंके मूलगुण
37 - पाँचवे गुणस्थान में आश्रवद्वार 37 होते है
38 - भगवान् पार्श्वनाथ के  समोवशरं में 38 हजार आर्यिकाए थी
39 - तत्वार्थसूत्र के तीसरे अध्याय के सूत्र
40 - भवनवासी
41 - चार आराधनाओ के 41 प्रभेद
42 - तत्वार्थसूत्र के चौथे अध्याय के सूत्र
43 - तीसरे गुणस्थान में आस्रवद्वार 43
44 - कल्याणमंदिर के श्लोक
45 - मनुष्य लोक का विस्तार 45 लाख योजन
46 - अरिहंतों के मुलगुण
47 - घाति या कर्म
48 - भक्तामर में 48 श्लोक है
49 - नरक पटल
50 - सम्यक्त्व के 50 मल
51 - इष्टोपदेश के श्लोक 51 होते हे
52 - नंदीश्वरद्वीप के चैताल्य 52 होते हे
53 - जीव के भाव 53 होते हे
54 - बडे समाधिमरण के छंद 54 होते है
55 - सोलहवे स्वर्ग की देवियो की आयु 55 पल्य होती है
56 - जम्बूद्वीप में नक्षत्र 56 होते है
57 - आस्रव के कुल भेद 57 होते है
58 - द्रव्यसंग्रह मे गाथा 58 होती है
59 - सातवे गुणस्थान मे बंधने वाले कर्म 59 होते है
60 - श्रावकव्रतो के अतिचार 60 होते है
61 - आचार्य , उपाध्याय के कुल मूलगुण 61 होते है
62 - पुद्गल विपाकी कर्म 62 होते है
63 - शलाका पुरुष 63 होते है
64 - ऋद्धियाँ 64 होती है
65 - दारहवे गुणस्थान मे अनुदय कर्म 65 होते है
66 - भगवान महावीर की वाणी नहि खिरने के दिन 66 थे
67 - पाँचवे गुणस्थान मे बंधने वाले कर्म 67 होते है
68 - पुण्यकर्म 68 होते है
69 - सम्मूर्च्छन तिर्यंचों के 69 भेद होते है
70 - ढाई द्वीप की मुख्य नदियाँ 70 होती है
71 - अरिहंत , उपाध्याय परमेष्ठी के मूलगुण 71 होते है
72 - भगवान महावीर की आयु 72 वर्ष थी
73 - कषायमार्गणा मे सातवे गुणस्थान मे उदयकर्म 73 होते है
74 - तत्वसार ग्रन्थ की गाथा 74 होती है
75 - गुण संक्रमण के कर्म 75 होते है
76 - द्वीपकुमार के भवन 76 होते है
77 - भगवान श्रेयांसनाथ के गणधर 77 थे
78 - जीव विपाकी कर्म 78 होते है
79 - अरिहंत , उपाध्याय , सिद्धपरमेष्ठी के कुल मूलगुण 79 होते है
80 - पंचमेरू के चैत्यालय 80 होते है
81 - भगवान शान्तिनाथ जी , कुन्थुनाथ जी और पार्श्वनाथ जी के गणधरो की संख्या मिलाकर 81 हो जाति है
82 - अरिहंत और आचार्य परमेष्ठी के कुल मूलगुण 82 होते है
83 - तत्वार्थसूत्र के आठवें ,नवें और दसवें अध्याय के सूत्रो की संख्या मिलाकर 83 हो जाति है
84 - णमोकारमन्त्र से 84 लाख मन्त्र निकलते है
85 - चौदह गुणस्थान मे सत्वकर्म 85 होते है
86 - भगवान सुपार्श्वनाथ जी के समवशरण मे वादी मुनीराज 86 सो थे
87 - भगवान शीतलनाथ जी के गणधर 87 थे
88 - भगवान पुष्पदन्त जी के गणधर 88 थे
89 - आचार्य , उपाध्याय और साधु परमेष्ठी के मूलगुण 89 होते है
90 - जम्बूद्वीप की कुल नदियाँ 90 है
91 - अधोग्रैवेयक के चैताल्य 91 है
92 - सामान्य मनुष्य के चौथे गुणस्थान मे कर्म उदय 92 होते है
93 - नामकर्म के भेद 93 होते है
94 - भगवान चन्द्रप्रभ जी के एक कम 94 गणधर थे
95 - भगवान सुपार्श्वनाथ जी के 95 गणधर थे
96 - चक्रवर्ती की 96 हजार रानीयाँ होती है
97 - कुभोगभुमियाँ एक कम 97 होती है
98 - जीव समास के 98 भेद है
99 - सुमेरू पर्वत पृथ्वी से 99 हजार योजन ऊँचा-
100-इंद्रो की कुल संख्या 100 होती है।
ये है जैन धर्म की गिनती।।।।
जय जिनेन्द्र 

चन्द्र ग्रहण

चंद्रग्रहण 
दूसरा चन्द्र ग्रहण: 7 अगस्त (सोमवार) , 2017 
 *ग्रहण कहा दिखेगा
 *ग्रहण का समय
 *सूर्य ग्रहण की महत्‍वपूर्ण जानकारी
 *चंद्र ग्रहण की महत्‍वपूर्ण जानकारी
 *चंद्र ग्रहण का मंत्र
 *चंद्र ग्रहण का यंत्र
 *चंद्र ग्रहण का तंत्र
 *चंद्र ग्रहण का राशिफल
 *चंद्र ग्रहण मे गर्भवती महिलाओं की सावधानी
वर्ष 2017 में कुल चार ग्रहण लग रहे है : दो सूर्य ग्रहण और 2 चन्द्र ग्रहण
" १ सूर्य ग्रहण और १चन्द्र ग्रहण हो गये "
दूसरा चन्द्र ग्रहण: 7 अगस्त (सोमवार) , 2017
दूसरा सूर्य ग्रहण: 21-22 अगस्त (सोमवार) , 2017
       0⃣7⃣0⃣8⃣2⃣0⃣1⃣7⃣ 



श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात्रि को खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण होगा, जिसे पूरे भारतवर्ष में देखा जा सकेगा. भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण पाकिस्तान , अफगानिस्तान , ईरान, ईराक , सऊदी अरब, इथोपिया , केन्या, तंज़ानिया , दक्षिण अफ्रीका, रूस, चीन, मंगोलिया, मयन्मार, ऑस्ट्रेलिया , जापान, थाईलैंड, सिंगापुर आदि से भी इस अल्प्ग्रास चन्द्र ग्रहण को कुछ समय के लिए देखा जा सकेगा.
⚡ग्रहण के दिन कारने के मंत्र - यंत्र - तंत्र अद्भुत प्रयोग⚡
मेरे गुरूदेव, ज्योतिष विशारद, माँ भगवती के उपासक,  सावत्थीतीर्थ सर्जक तपागच्छाचार्य आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी म सा  के सूक्ष्म अवलोकन, अध्ययन, मनन. चिंतन के बाद की संक्षिप्त जानकारी भद्रबाहुसहिंता, भृगु संहिता, आदी ग्रंथ के अभ्यास करके गुरुदेव से प्राप्त आज्ञा से प्रस्तुत करता हू.
दूसरा चन्द्र ग्रहण: 7 अगस्त (सोमवार) , 2017
मुनी अजितचन्द्र विजय Whatsapp +919824010332
               ⏳ग्रहण का समय:⏳
     0⃣7⃣0⃣8⃣2⃣0⃣1⃣7⃣
⏰ *इस ग्रहण की अवधि 5 घंटे एक मिनट होगी
⏰ *आंशिक ग्रहण की अवधि 1 घंटे, 55 मिनट है।
ग्रहण का समय
⏰ *खंडच्छायायुक्त ग्रहण शुरू: 7 अगस्त, 21:20:01 pm IST
⏰ *आंशिक ग्रहण : 7 अगस्त, 22:52:56 pm IST
⏰ *अधिकतम ग्रहण: 7 अगस्त, 23:50:29 pm IST
⏰ *आंशिक ग्रहण समाप्त: 8 अगस्त, 00:48:09 am IST
⏰ *खंडच्छायायुक्त ग्रहण समाप्त: 8 अगस्त, 02:20:56 am IST
➡ ईस मेसेज को आप अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे अगर आप को ईस प्रकार के मेसेज चाहिये तो अपना नाम ओर आप कहासे हो वो भेजिये नीचे दर्शाये नंबर पे... मुनी अजितचन्द्र विजय Whatsapp +919824010332
सूर्य और चंद्र ग्रहण से जुड़ी महत्‍वपूर्ण जानकारी और तथ्‍य सावत्थी तीर्थ सर्जक आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
सूर्य और चंद्र ग्रहण का बहुत महत्व है. शास्त्रों में भी ग्रहण से जुड़ी कई बातें कहीं गई है. 
सूर्य ग्रहण:
मंत्र वेत्ता आचार्य. श्री. *जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी* कहते हे
(1) जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की चमकती सतह चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती है.
(2) चंद्रमा की वजह से जब सूर्य ढकने लगता है तो इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं.
(3) जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं.
(4) जब सूर्य कुछ देर के लिए पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं.
(5) पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को ही होता है. मुनी अजितचन्द्र विजय Whatsapp +919824010332
चंद्र ग्रहण:
0⃣7⃣0⃣8⃣2⃣0⃣1⃣7⃣
माँ भगवती के उपासक आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
(1) जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है. इसे चंद्रग्रहण कहते हैं.
(2) जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं तो चंद्रग्रहण की स्थिति होती है.
(3) चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात में ही होता है.
(4) एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के उपछाया से चंद्रमा गुजरता है, तभी चंद्रग्रहण लगता है.
(5) सूर्यग्रहण की तरह ही चंद्रग्रहण भी आंशिक और पूर्ण हो सकता है.
➡ ईस मेसेज को आप अपने सभी मेम्बर ओर ग्रुप में फोरवड करे अगर आप को ईस प्रकार के मेसेज चाहिये तो अपना नाम ओर आप कहासे हो वो भेजिये नीचे दर्शाये नंबर पे...मुनी अजितचन्द्र विजय Whatsapp +919824010332
⚡ग्रहण के दिन कारने के मंत्र - यंत्र - तंत्र अद्भुत प्रयोग⚡
❣ग्रहण के समय में सात्विक बहोत सारे यंत्र मंत्र ओर तंत्र के प्रयोग तत्काल सिद्ध होते हे मंत्र वेत्ता आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे ये स्वानुभव सिद्ध प्रयोग हे ❣
 :  *विद्या वृद्धि मंत्र* :~ 
 " *ॐ नमो ॐ ह्रीँ श्रीँ क्लीँ वद वद वाग्वादिनी बुद्धिवर्धय ॐ ह्रीँ नम: स्वाहाः* "
 विधी:- ग्रहण के समय 12500 जाप करने से मंत्र सिद्ध होता है
*त्रीभूवन स्वामिनी मंत्र* 
: वांच्छीतार्थ फल सिद्धि कारक मंत्र :
 "*ॐ ह्रीँ  अर्हत् उत्पत उत्पत स्वाहा:*"
ग्रहण के दिन मंत्र सिद्धा करके रोज १ माला गिनने से कार्य सिद्धा होते है
☄*बाबा विशा यंत्र:*~☄
विसा यंत्र साधक आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी कहते हे
अत्यंत चमत्कारी बाबा विशा यंत्र
ग्रहण के समय पर यंत्र बनाकर सिद्धा करना
*"जहाँ वसे बाबा विशा
वहाँ क्या करे जगदीशा"*
⭐ ~: *तंत्र प्रयोग* :~ ⭐
तंत्राचार्य आचार्य. श्री. *जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी* कहते हे
ग्रहण समय हल्दी का गठिया मुँह मै रख का मौन रहेकर आपने ईस्ट मंत्र का जाप करनेका  ग्रहण स्पर्श से ग्रहण मोक्ष तक
उसके बाद छाओ ( बिना सूर्य किरण कि जगा)  मै सुखा ने रख कर कभी कोई महत्व का काम हो तो उस हल्दी को गिस के तिलक करके जाने से कार्य सफलता मिलती है..
*ग्रहण के दौरान ध्यान देने योग्य बातें*  
☀सूतक में भोजन ना करे | दूध , फल, जूस या सात्विक भोजन  ले सकते है |
☀सूतक में भोजन ना बनाये | विशेषतौर से गर्भवती महिलाएं चाकू छुरी से कुछ भी ना काटे |
☀सूतक में सिलाई कढ़ाई का कार्य ना करे | विशेषकर से गर्भवती महिलाएं |
☀सूर्य ग्रहण को ना देखे | विशेषकर नंगी आंखों से तो कतई नहीं .
☀मंदिर बंद रखे भगवान की मूर्ति को स्पर्श ना करे |
☀व्यसन से दूर रहे |
☀अपराध बुरे काम, बुरे विचार और झूठ से दूर रहे | क्योंकि इस समय किये गए बुरे कार्य का प्रभाव कई गुना  बढ़ जाता है |
☀ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन करे इससे आपको लाभ और लंबे रोग से छुटकारा मिलेगा |
☀यदि चंदमा निर्बल है तो “ॐ चन्द्राय: नमः” मन्त्र का जप करे |
☀यदि आपका सूर्य निर्बल है तो  इस दौरान मंत्र“ॐ सूर्याय: नमः” का जप करे |
☀ग्रहण के समय यदि आपकी कुंडली में सूर्य या चंद्र दोष है तो यह समय ग्रहण संबंधी उपचार के लिए उपयुक्त है |
☀यदि आप किसी तीर्थ स्थल पर है तो वह स्नान कर जप और दान करे |
☀धार्मिक पुस्तक पढ़े |
☀सोच को सकारात्मक रखे |
☀विशेषतोर पर गर्भवती महिलाये क्योंकि उसका सीधा प्रभाव आपके होने वाले बच्चे पर पड़ता है |
☀अच्छे विचार और भाव मन में लाये |
☀अपने सामान्य दैनिक कार्य करें |
☀स्नान कर भगवान  का मनन करे . जो भी आपके आराध्य देव है उनका धयान करे |
अंत में एक बार फिर से  गर्वभती महिलाये , बच्चे , बुज़ुर्ग और बीमार व्यक्तियों के लिए भोजन लेना , शौचालय जाना , दवाई लेने पर कोई पाबन्दी नहीं है |
तपागच्छाचार्य, ज्योतिष विशारद आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी महाराज साहेब द्वारा संभावित दसरे चन्द्र ग्रहण: 7 अगस्त (सोमवार) , 2017 का राशिफल 
0⃣7⃣0⃣8⃣2⃣0⃣1⃣7⃣
*卐0⃣ 1⃣ मेष :~ अ, ल, इ* : पिता को कष्ट , आय में बाधा .
*卐0⃣ 2⃣ वृषभ :~ ब, व, उ* :   कार्यों में गतिरोध , हानि  .
*卐0⃣ 3⃣  मिथुन :~  क, छ, घ* :  रोग इत्यादि में वृद्धि , शारीरिक कष्ट , स्थान परिवर्तन
*卐0⃣4⃣ 呂कर्क :~ ड, ह* :   जीवन साथी से मतभेद , व्यापार में हानि , लड़ाई – झगडे की संभवना
*卐0⃣5⃣ 女सिंह :~ म, ट*  शत्रुओं से हानि , कर्ज की स्थिति म सर्जरी का योग
*卐0⃣6⃣ कन्या :~ प, ठ, ण*  संतान को कष्ट , शिक्षा बाधा , गलत निर्णय
*卐0⃣7⃣ ⚖तुला :~ र, त* :  माता को कष्ट , संपत्ति की हानि , वाहन दुर्घटना योग
*卐0⃣8⃣ 廬वृश्चिक :~ न, य* :  करीबियों से दिखा , बहनों और मित्रों को कष्ट , व्यर्थ का विवाद
*卐0⃣9⃣ धनु :~ भ, ध,फ* : धन हानि , क्रोध की अधिकता , गलत निर्णय , पारिवारिक तनाव
*卐1⃣0⃣ मकर :~ ख, ज* :  चोट – चपेट की संभावना , डिप्रेशन , अशांति और निर्बलता
*卐1⃣1⃣ ⚱कुंभ :~ ग, स, श, ष* : सुदूर यात्रा , अधिक खर्च , परिवार से दुरी
*卐1⃣2⃣ मीन :~ द, च* :  आय में बाधा , संतान को कष्ट , शिक्षा में समस्या , आलस्य और प्रमाद का अधिक प्रभाव
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擄*चंद्र ग्रहण मे गर्भवती महिलाओं की सावधानी*擄
1⃣ ग्रहण चाहे सूर्य हो या चंद्र ग्रहण, दोनों ही अपने बुरे प्रभाव के लिए जाने जाते हैं। ना केवल शास्त्रीय दृष्टि सेम वरन् साइंस ने भी ग्रहण की वजह से होने वाले बुरे प्रभावों को माना है। ग्रहण के दौरान कुछ सावधनियां बरतनी जरूरी हैं यह वैज्ञानिकों ने भी माना है, क्यूंकि ग्रहण के दौरान निकलने वाली तरंगे हमें हानि पहुंचा सकती हैं।
2⃣. गर्भवती महिलाओं पर होता है असर खासतौर से गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण अन्य लोगों की तुलना में अधिक नुकसानदेह होता है। इसलिए उन्हें कुछ खास नियमों का पालन करना पड़ता है। दरअसल ग्रहण के दौरान ना गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर होने का डर होता है।  
3⃣.ऐसे होता है असर उदाहरण के तौर पर यदि सूर्य ग्रहण लगा है, और इस दौरान गर्भवती महिला सूरज की रोशनी में आ जाए तो सूर्य की किरणे गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर करती हैं। सूर्य की किरणों में उस समय कुछ ऐसी दूषित तरंगे मौजूद होती हैं, जो अजन्मे शिशु को प्रभावित करती हैं।
4⃣. कुछ निर्देश इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे निर्देश बताने जा रहे हैं, जो ग्रहण के दौरान एक गर्ब्भवती महिला के जरूर काम आएंगे। यदि वह महिला इन निर्देशों का भली-भांति पालन करती है, तो उसके आने वाले बच्चे पर ग्रहण का कोई बुरा असर नहीं होगा।
5⃣. स्नान करें सबसे पहली बात, ग्रहण आरंभ होने से पहले स्नान अवश्य करें। ग्रहण स्माप्त होने पर भी स्नान करना चाहिए। क्योंकि ग्रहण की तरंगों के कारण वातावरण दूषित हो जाता है, इसलिए यह जरूरी है कि गर्भवती महिला ग्रहण खत्म होने पर स्नान करके वापस शुद्ध हो जाए।  
6⃣. भोजन ना करें ग्रहण के दौरान वातावरण में जिन तरंगों का प्रवाह होता है, वे ना केवक जीवित वरन् बीजान वस्तुओं पर भी असर करती हैं। इसलिए ग्रहण से पहले जो खाना पका होता है या यहां तक कि घर में पड़ा पानी भी दूषित हो जाता है।
8⃣. नुकीली वस्तुओं से दूर रहें ग्रहण के दौरान एक गर्भवती महिला को नुकीली या तेज़-तरार वस्तुओं से दूर रहना चाहिए। जैसे कि चाकू, कैंची, सुई, या पेन-पेनसिल भी।
9⃣. सब्जी ना काटें गर्भवती महिलाओं को नुकीली वस्तुओं से ना केवल दूर, साथ ही उनका इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। ग्रहण के दौरान गलती से भी सब्जी ना काटें, और जितना हो सके घर के कार्यों को ना करने का फैसला लें।
1⃣2⃣. बाहर ना निकलें यह ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए जानने योग्य सबसे जरूरी बात है... इस दौरान बाहर निकलने की भूल ना करें। ग्रहण की तरंगे आपके अजन्मे शिशु पर बुरा प्रभाव कर सकती हैं।
शुभम भवतु !
यथा शक्ति  परमार्थ
संयोजक:~ मंत्र वेता आचार्य देव श्रीमद् विजय * जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी * महाराजा साहेब.
आजीवन गुरुचरणसेवी मुनि * अजितचन्द्र विजयजी * म सा
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_जिन शीशू अजित_
देवी स्वप्न द्वारा निर्मित
८४ जिनालय समलंकृत * सावत्थीतीर्थ धाम *
बावला, अहमदाबाद
*मुनी अजितचन्द्र विजय*
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दरवाज़ा हँस कर ही खोलो

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✍ *घर के अंदर जी भर के रो लो* *पर दरवाज़ा हँस कर ही खोलो....!!*
*क्योंकि लोगों को यदि पता लग गया कि तुम अंदर से टूट चुके हो तो वो तुम्हें लूट लेंगे*
 *इंसान* कभी *गलत* नहीं होता, उसका *वक़्त* गलत होता है मगर लोग इंसान को *गलत* कहेते हे जैसे के..............
*पतंग* कभी नहीं *कटती, कटता* तो *धागा* हे फिर भी लोग कहेते हे *पतंग* कटी"..!
  
       *鹿鹿*
*जय श्रीराधेकृष्ण*